अब तो बदल रहे हैं
गजलः १६१स्वप्न आँखों में बसा पाए न हम
आँसुओं से भी सजा पाए न हम.
किस गिरावट ने हमें ऊंचा किया
कोई अंदाजा लगा पाए न हम.
दर्द के आँसू बहुत हमने पिये
गै़र का अहसां उठा पाए न हम.
हमने अश्कों से लिखी थी जो गज़ल
दुख है ये तुमको सुना पाए न हम.
आईना अपनी ही सब कहता रहा
हाले-दिल अपना सुना पाए न हम.
आज़माए हौसले हमने सदा
छू बुलँदी को कभी पाए न हम.
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गजलः १६४
ज़ूकाफिया और यक काफिया गज़ल
अच्छाइयों के ढ़ब सब अब तो बदल रहे हैं.
रुसवाइयों के भी ढ़ब अब तो बदल रहे हैं.
कैसी चली हवाएँ, मस्ती में गुम है सारे
आज़ादियों के भी ढ़ब अब तो बदल रहे हैं.
आबादियों में जिँदा, बरबाद फिर भी आदम
बरबादियों के भी ढ़ब अब तो बदल रहे हैं.
खन खन खनकती दौलत मुशकिल करे है
जीनाआसानियों के भी ढ़ब अब तो बदल रहे हैं.
जँजीर वादों की पहना, यह वक्त ही नचाये
मजबूरियों के भी ढ़ब अब तो बदल रहे हैं.
शादी की महफिलें हों, मातम की मजलसें भी
शहनाइयों के भी ढ़ब अब तो बदल रहे हैं.
है भीड़ में अकेला क्यों आज का ये आदम
तन्हाइयों के भी ढ़ब अब तो बदल रहे हैं.
दुशवारियों से ढाँपे तन, मन, बदन ऐ देवी
अंगड़ाइयों के भी ढब, अब तो बदल रहे हैं.
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5 टिप्पणी:
Devi ji,
Aj badi khoj ke baad jaane kahan se apka blog ka link mil saka. Aur ek baar fir thandi hava kejhonko ki tarah, sardi ki dhup ki naram chuan liye apki gajalen milin.
Apse ek vinamr anurodh hai, ap manengi to puri hindi blogging community ka nahi to kam se kam mujh jaise nausikhiyon ka bada bhala hoga.
Ap gajal lekhan ke niyam kayadon par ek lekh , ek blog entry likhen, taki pathak keval pathak na rahen, achche gajal lekhak bhi ban saken. Abhi to bas log gajal ke naam par tuk bhidate huye, jo man me aya paros dete hain, karan bhi spasht hi hai, mei hi tarah unhe bhi iske bare me tuk bhidane se jayda kuch nahi pata.
Ap is vidha me anubhavi hain, yadi apna gyan hame bhi bant saken to badi kripa hogi.
बहुत भावुकता से पिरोया है अहसासों
को, कुरेद डाला हमारे मन के ढ़ेरों
सवालों को...!!पता नहीं कैसे मैं पहुँचा इस
स्थल पर सिर्फ पाकर ही जा रहा हूँ इस
अंजाने महफिल से...!!! धन्यबाद
Bahut din baad aapkii rachnaayeN padhi, bahut hii khoob.
I really liked ur post, thanks for sharing. Keep writing. I discovered a good site for bloggers check out this www.blogadda.com, you can submit your blog there, you can get more auidence.
अच्छी है |
आपका ब्लॉग है या ग़ज़लों का खजाना ?
-- अवेनेश तिवारी
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